जिन्दगी ऐ दास्तान ने शायर बना दिया ।
ऐसा रूलाया मुझको ,
लहू से लिखना सिखा दिया ।
' भरोसा ' यहाँ कुछ नहीं
आँखो से पर्दा हटा दिया ।
जिन्दगी ऐ दास्तान ने शायर बना दिया
गमों से करके दोस्ती ,
तन्हाइयों को अपना बना लिया ।
दर्द की लहरों को ,
रूह तक दबा दिया ।
जो गम मिले जहाँ से ,
सूखे नैनों से बहा दिया ।
जिन्दगी ऐ दास्तान ने शायर बना दिया ।
खुद को ही खुद से ,
बेगाना बना लिया ।
काली तूफ़ानी लहरों नें ,
बहना सिखा दिया ।
चंद ही पहुंचते हैं किनारें ,
लकीरों ने बता दिया ।
जिन्दगी ऐ दास्तान ने शायर बना दिया ।
जिन्दगी ऐ दास्तान ने शायर बना दिया ।
..... संजीव कुक्कड़

3 टिप्पणियाँ
👌👌💯💯💯💯
जवाब देंहटाएंThx sooo much 😊
हटाएंNice 👌
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धन्यावाद
कुक्कड़ वर्ल्डस