काश ! हां काश ....
रोटी की कीमत ना होती ,
तो इतनी दुनिया भूखी ना सोती ।
ना सूनी सी जिंदगी होती ,
ना नन्हीं कोई जान ही रोती ।
काश ! हां काश ....
स्वार्थी लोग इतने भूखे ना होते ,
उनके कारण जीवन ना खोते ।
ना बिलखता बचपन किसी का ,
ना आंखो में खारे आंसू होते ।
काश ! हां काश ....
इंसानियत अभीं मरी ना होती,
मासूम सी जान डरी ना होती ।
ना लाचारी आंखो में होती ,
ना कमी सांसो में होती ।
काश ! हां काश ....
रोटी की कीमत ना होती ।
......संजीव कुक्कड़
1 टिप्पणियाँ
Nice lines
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कुक्कड़ वर्ल्डस