
वाह ! क्या खूब हो गया ,
जमाना डिजीटल का महबूब हो गया ।
व्हाट्स ऐप पर त्यौहार की शुभकामनाएं,
फेस बुक पर हम बर्थ डे केक खाएं ।
सोशल मीडिया पर अब invitation आये ,
video call पर ही हाल - चाल पायें ।
वाह ! क्या खूब हो गया ,
जमाना डिजीटल का महबूब हो गया ।
चिपक गया है मोबाइल हाथ से,
पकड़े रहते है बिना बात के ।
रंगो भरी होली भी डिजीटल ,
दिपावली की चमचमाहट भीं डिजीटल ।
ना आंखो की फिक्र ,
ना रेडियेशन का ध्यान है ।

रोटी हाथ में मगर ,
मोबाईल में जान है ।
वाह ! क्या खूब हो गया ,
जमाना डिजीटल का महबूब हो गया,
जमाना डिजीटल का महबूब हो गया ।
संजीव कुक्कड़
6 टिप्पणियाँ
Good luck, nice poetry
जवाब देंहटाएंThx sooooo much
हटाएंVry nice
जवाब देंहटाएंThx Soooo much
हटाएंNice
जवाब देंहटाएंThx Soooo Much
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कुक्कड़ वर्ल्डस