पृथ्वी पर बढ़ता प्रदूषण

नमस्कार दोस्तो ,
                     आज हम बात करेगें पृथ्वी पर बढ रहें प्रदूषण के बारे में । जिस तरह लोगो की अनदेखी से प्रदूषण बढ़ रहा है उसका परिणाम भी भयानक रूप से देखने को मिलेगा  । आज जिस रफ्तार से technology में उन्नति हुई है , उससे दोगुणी रफतार से प्रदूषण बढ़ा है , जिसका असर जल , वायु , पशु - पक्षियो , इंसान के स्वास्थ्य और पेड़ - पौधो पर भीं पड़ा है । इंसान अपनी झूठी शानो - शौकत दिखाने के लिए वृक्षों को काट कर अपने घरों में ज्यादा से ज्यादा काम लकड़ी का करवा रहा है । 
     वृक्ष जो हमें आक्सीजन प्रदान करते हैं और वातावरण को स्वच्छ बनाते है ,अगर वृक्ष ही ना हुए तो हम अपने बच्चो को क्या देकर जायेगें सिर्फ और सिर्फ दूषित वातावरण जिससे ना तो उनका स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और ना ही वह स्वच्छ सांस लेकर ज्यादा आयु जी पायेगें । 
     
  व्हीकलों का प्रदूषण :- इंसान का  Life style इतना बदल चुका है कि अगर वो अकेला भी कहीं जा रहा है तो भी कार जैसे वाहनो का प्रयोग करता है जिससे बाजारो  में धुए का प्रदूषण तों बढ़ता ही है साथ में भीड़ के कारण हार्न और सायरन की आवाजों से ध्वनि प्रदूषण भी बढ़ता है जिसका ज्यादा असर छोटे बच्चो के मानसिक विकास पर पड़ता है , जिससे उनके सोचने समझने की शक्ति कम होती है , आजकल ज्यादा हार्ट - अटैक के मामले देखने में आते है जिसका कारण भी फेफड़ो को स्वच्छ हवा प्राप्त ना होना साथ  में ध्वनि प्रदूषण का हार्ट पर असर छोड़ना भी शामिल है  । 


         लेकिन फिर भी आज का इंसान इतना स्वार्थी हो चुका है कि सब जानकर भीं अनजान बन कर सिर्फ अपना जीवन खुश बनाने में लगा है । कहने के लिए तो वह सब अपने बच्चों के लिए कर रहा है पर क्या वो सच में अपने बच्चों का भला कर रहा है ? नहीं जब हम लोग बच्चों के लिए स्वच्छ सांस ही नहीं छोड़ कर जा रहे जिससे वह लंबी आयु जी पाये तो बाकी जमीन - जायदाद आपकी सब व्यर्थ है ।
    जल प्रदूषण :- हमने नदियों - नालो के जल को भी नहीं बख्शा जबकि हम जल के बिना जीने की सोच भी नहीं रख सकते । आजकल फैक्ट्रियों से निकला जहरीला कैमीकल नदी या नालो में सीधा बहाया जाता है , 
       जो आबादी ऐसी जगहों पर होती है उन पर सीधा प्रभाव उनके जीवन पर पड़ता हैं पर हमें क्या लेना हम तो स्वच्छ जल पी रहे हैं ये स्वार्थ की सोच ही एक दिन इंसान का  आस्तित्व ही नष्ट कर देगी फिर 
           'न होगा बांस और 
              ना बजेगी बांसुरी '
क्या कर सकते है हम ? 
  • अगर जरूरी न हो तो  व्हीकल प्रयोग ना करें
  • ज्यादा से ज्यादा साईकल को उपयोग में लाये जिससे आपका स्वास्थ्य भीं अच्छा रहेगा । 
  • जिस तरह आप अपने परिवार के लोगों का हर साल जन्मदिन मनाते है उसी दिन साथ में कहीं खाली जगह देखकर 2 पौधें जरूर लगायें अगर जन्मदिन ना भी मनायें अपने बच्चों के भविष्य के लिए पौधे जरूर लगायें ।

      अगर कहीं जल को दूषित किया जा रहा है तो मूक- दर्शक बन कर चुप ना रहे ये सत्य है अकेला इंसान आवाज नहीं बुलंद कर पाता इसलिए एक - दूसरे को सहयोग देकर आवाज उठाये । इसी के साथ मैं अपने शब्दों को विराम देता हूँ , आपके बच्चों का भविष्य आपके हाथ ।
                 सांस है तो प्राण है

               जल है तो जीवन है

             सोच है तो इन्सान है ।
                              ... संजीव कुक्कड़ 

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